अभी तो दिन है प्यारे, अभी रात की बात न करना! अभी तो दिन है प्यारे, अभी रात की बात न करना!
अभी तो सिर्फ़ लब खुले हैं जुबाँ मुखर हुई तो शब्दों की आँधी में ढ़ह जाएगी आधी से ज़्याद अभी तो सिर्फ़ लब खुले हैं जुबाँ मुखर हुई तो शब्दों की आँधी में ढ़ह जाएगी आधी ...
रास्ते ज़िंदगी के कहाँ आसान हैं... रास्ते ज़िंदगी के कहाँ आसान हैं...
अभी अभी देखा है तुम्हें अपने करीब से गुजरते हुये यादों की गठरी उतारते हुए। अभी अभी देखा है तुम्हें अपने करीब से गुजरते हुये यादों की गठरी उतारते ह...
जो इस अंधेरे में कहीं घूम रही हूँ मैं जो इस अंधेरे में कहीं घूम रही हूँ मैं
छू लू जरा आज ऐसे अभी छू लू जरा आज ऐसे अभी